Contents
- 1 ब्लूटूथ क्या है और कैसे काम करता है ?
- 2 What Is Bluetooth? (ब्लूटूथ क्या है?)
- 3 How Bluetooth Works? (ब्लूटूथ कैसे काम करता है?)
- 4 Who owns the Bluetooth? (ब्लूटूथ का मालिक कौन है?)
- 5 Bluetooth Class & Range (ब्लूटूथ क्लास और सीमा)
- 6 COVID-19 Pandemic & Bluetooth (ब्लूटूथ और COVID-19 महामारी )
- 7 Uses Of Bluetooth (ब्लूटूथ के उपयोग)
- 8 Advantages (ब्लूटूथ के फायदे)
- 9 Disadvantages (ब्लूटूथ के नुकसान)
- 10 ब्लूटूथ प्रोडक्ट्स यहाँ से ख़रीदे:-
ब्लूटूथ क्या है और कैसे काम करता है ?
हेलो, दोस्तों आप सभी का स्वागत है आपके अपने ब्लॉग पे जिसका नाम है TechiesNexus.Com. आज हम बात करेंगे एक ऐसी तकनीक के बारे में जो आप सब को कुछ हद तक पता ही है और जिसको नहीं भी पता है वो भी आज जान जायेगा. आज हम बात करेंगे ब्लूटूथ (Bluetooth) के बारे में. ब्लूटूथ लगभग सभी के मोबाइल फोन में आजकल उपलब्ध होता है. ब्लूटूथ हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा है ऐसा भी कह सकते है.
What Is Bluetooth? (ब्लूटूथ क्या है?)
ब्लूटूथ एक ऐसी वायरलेस टेक्नोलॉजी है जिसके जरिए हम डाटा एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से दूसरे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस में ट्रांसफर कर सकते है।
वैसे तो ब्लूटूथ एक कंपनी है जिसका नाम Bluetooth Special Interest Group (BLUETOOTH SIG, INC) है जो किर्कलैंड, वाशिंगटन राज्य, अमेरिका में स्थित है। वे आज की ब्लूटूथ तकनीक प्रदान कर रहे हैं जिसका हम सभी लोग उपयोग करते हैं। BLUETOOTH SIG,INC इस टेक्नोलॉजी के अनुसंधान और विकास, इस टेक्नोलॉजी की सुरक्षा तथा third party के लिए योग्य मापदंड सुनिश्चित करता है, जो BLUETOOTH ENABLED के रूप में अपने डिवाइस को बेचने के लिए योजनाएँ बनाता है।
ब्लूटूथ एक ऐसा फीचर है जिसके जरिये हम बिना किसी केबल का इस्तेमाल किये (Wireless) एक डिवाइस (मोबाइल, टेबलेट, लैपटॉप, आदि) में से data (Files, Songs, Apk files, Videos, Rar files, Images, etc.) को दूसरे डिवाइस में ट्रांसफर कर सकते है. सिर्फ इतना ही नहीं अपने मोबाइल, लैपटॉप, Smart TV, होम थियेटर, Mp3 प्लेयर को ब्लूटूथ स्पीकर, ब्लूटूथ हेडसेट, स्मार्ट वॉच से जोड़ के ब्लूटूथ के जरिये हम गाने भी सुन सकते है.
इसका ज्यादातर उपयोग अभी के समय में लेटस्ट स्मार्ट डिवाइस जैसे की स्मार्ट वोच, स्मार्ट गॉगल्स, होम थिएटर, Mp3 प्लेयर, कार स्पीकर, वायरलेस हेडफोन, वायरलेस हैंड्स-फ्री सभी को अपने इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से कनेक्ट करने के लिए होता है.
P.S.- दोनों डिवाइस में ब्लूटूथ चालू होना अनिवार्य है.
How Bluetooth Works? (ब्लूटूथ कैसे काम करता है?)
ब्लूटूथ 2.402 GHz से ले कर 2.480 GHz की short-wavelength Ultra High-Frequency रेडियो वेव पे काम करती है। ब्लूटूथ Frequency Hopping Spread Sprectum (FHSS) रेडियो टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करती है. FHSS टेक्नोलॉजी एक ऐसी टेक्निक है जिस में रेडियो सिग्नल्स को carrier frequency को जल्दी से बदलते हुए ट्रांसमिट किया जाता है. FREQUENCY में बदलाव को control करने के लिए एक कोड होता है जो transmitter और receiver के पास रहता है. ब्लूटूथ टेक्नोलॉजी, जो भी डाटा ट्रांसफर हो रहा है उसको छोटे छोटे पैकेट (packet) में विभाजित करती है और सारे डाटा पैकेट्स को ब्लूटूथ की 79 चॅनेल में से कोई भी एक चॅनेल पे ट्रांसमिट करती है.
ब्लूटूथ एक master/ slave प्रणाली (Architecture) पे काम करता है जिसमे एक master 7 slave से जुड़ सकता है. जिसे PAIRING से हम सब लोग पहचानते है.
Who owns the Bluetooth? (ब्लूटूथ का मालिक कौन है?)
ब्लूटूथ का आविष्कार और दुनिया से सबसे पहला परिचय सन 1989 में Bluetooth special interest group ने करवाया था। ब्लूटूथ को एक मानक organization IEEE ( INSTITUTE of electrical and electronics engineer) ने 802.15.1 के तहत प्रमाणित किया था लेकिन अभी इस टेकनोलोजी को वह मेंटेन नहीं कर रहा। अभी Bluetooth SIG, INC ही इसके specifications , qualification program (दूसरी कंपनी के इस्तेमाल के लिए), और ब्लूटूथ टेक्नोलोजी के ट्रेडमार्क का खयाल रखती है।
Bluetooth Class & Range (ब्लूटूथ क्लास और सीमा)
ब्लूटूथ से डाटा ट्रांसफर करने के लिए दोनों इलेट्रॉनिक डिवाइस को एक नियत अंतर की दुरी में होना आवश्यक है. तो अब सवाल ये उठता है की ये दुरी कितनी होनी चाहिए? ब्लूटूथ के उपयोग के हिसाब से उसके क्लास का निर्णय किया जाता है और उसके हिसाब से दो डिवाइस की सिमित दुरी तय की जाती है. जवाब आपको निचे दिए गए टेबल से पता चल जाएगा.
Class | Power | Range (in meters) | Applications |
1. | High | upto 100 m | Industrial Use, Access Point |
1.5. | Medium-High | upto 30 m | Beacons, Wearable Sensors |
2. | Medium | upto 10 m | Mobile Devices, |
3. | Low | upto 1 m | Bluetooth Adaptors |
COVID-19 Pandemic & Bluetooth (ब्लूटूथ और COVID-19 महामारी )
आज के इस COVID -19 महामारी के बिच ब्लूटूथ टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल लोगों की सुरक्षा के लिए भी हो रहा है. गौर करने की बात है की भारत जैसे बड़े आबादी वाले देश में भारत सरकार का आरोग्य सेतु एप्लीकेशन ब्लूटूथ प्रोक्सिमिटी और GPS के जरिये COVID-19 मरीज़ को और उसके संपर्क में आने वाले लोगो को पहचानने में मदद करता है.
इसमें कोई भी आरोग्यसेतु एप्लीकेशन यूजर अगर कोई भी कोरोना संक्रमित मरीज़ के नज़दीक (ब्लूटूथ रेंज के अंदर) आता है और अगर वह मरीज़ भी आरोग्य सेतु एप्लीकेशन का उपयोग कर रहा है तो ब्लूटूथ टेक्नोलॉजी से दोनों का आरोग्य सेतु एप्लीकेशन का डाटा चकासा जाता है और पहले यूजर को उसकी जानकारी मिल जाएगी जिससे संक्रमण ज्यादा फैलने से रोका जा सकता है.सिर्फ इतना ही नहीं यह पूरी जानकारी भारत सरकार के पास भी भेजी जाती है जिससे अगर कोई गलती से कोरोना वाइरस संक्रमित मरीज़ संपर्क में अगर आ भी जाता है तो उसको समय पर ठीक से और सही इलाज़ मिल जाएँ.
Uses Of Bluetooth (ब्लूटूथ के उपयोग)
ब्लूटूथ का ज्यादातर इस्तेमाल तो घर के अंदर ही होता है, जैसे की
- डाटा को एक इलेक्ट्रॉनिक्स डिवाइस में से अन्य इलेक्ट्रॉनिक्स डिवाइस में ट्रांसफर करने के लिए भले ही उसकी OS अलग अलग हो जैसे की ANDROID AND IOS.
- वायरलेस हैडफ़ोन से गाना सुनने, बातें करने के लिए,PLAYSTATION या NINTENDO जैसे गेमिंग कंसोल में गेम खेलने के लिए
- वायरलेस स्पीकर से गाना सुनने या फिर बातें करने के लिए
- होम थिएटर, MP3 PLAYER, जैसे डिवाइस को SMART TV या तो MOBILE, LAPTOP से कनेक्ट करने के लिए .
- घर, ओफिस को SMART बनाने के लिए और सुरक्षा के लिए
- CAR के ब्लूटूथ स्टीरियो को अपने MOIBLE से जोड़ने के लिए जिससे वाहन चलाते वक्त चालक को अपने MOBILE को छूने की जरुरत नहीं है.
- इंडस्ट्रीज में रोबोटिक्स इक्विपमेंट को कंप्यूटर से नियंत्रित करने के लिए
- फिटनेस डिवाइस जैसे HEALTH BAND या तो फिर SMART WATCH को अपने मोबाइल से जोड़ने के लिए
- कंप्यूटर के कीबोर्ड, माउस, प्रिंटर आदि इनपुट, आउटपुट डिवाइस को WIRELESS तरीके जोड़ने के लिए.
- आज के ज़माने में ब्लूटूथ का इस्तेमाल MEDICAL EQUIPMENT, बार कोड़ स्कैनर, GPS RECEIVER , ट्रैफिक सिग्नल कंट्रोलर में होता है.
Advantages (ब्लूटूथ के फायदे)
- जो भी डिवाइस में ब्लूटूथ पहले से ही उपलब्ध है तो बिलकुल मुफ्त इसका इस्तेमाल हो सकता है.
- यह ब्लूटूथ टेक्नोलॉजी सस्ती है.
- ब्लूटूथ pairing बहुत ही आसान है इसको इस्तेमाल करने के लिये अलग से कोई भी सॉफ्टवेयर की जरुरत नहीं होती है.
- टेक्नोलॉजी में सतत बदलाव के साथ ब्लूटूथ के अलग अलग version समय समय पे अपडेट होते है.
- पावर की यूज़ कम होती है.
- Infrared की तुलना में ब्लूटूथ की रेंज ज्यादा होती है.
- ब्लूटूथ रेडियो सिग्नल्स का इस्तेमाल करती है इसीलिए दिवार के आरपार भी डाटा ट्रांसमिट हो सकता है.
Disadvantages (ब्लूटूथ के नुकसान)
ब्लूटूथ के लाभ के साथ साथ कुछ गेरलाभ भी है जैसे कोई सिक्के के दो पहलु
- इसको हैकर्स हैक कर सकते है तो sensitive डाटा ट्रांसमिट करने के लिए उपयोग नहीं किया जा सकता या तो फिर सावधानी बरतनी होगी.
- ब्लूटूथ का इस्तेमाल नहीं कर रहे है तब भी अगर ब्लूटूथ चालू है तो वो बैटरी consume करता है.
- इसकी रेंज wifi की तुलना में कम है
- बैंडविड्थ भी wifi की तुलना में कम है.
- डाटा ट्रांसफर की झड़प भी wifi की तुलना में कम है.
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